CBSE
|
Class 5
|
Sanskrit
|
By - Shrimati Asha Lata Chaudharyइन पाठ्यपुस्तकों का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत भाषा के मौलिक सिद्धांतों, व्याकरण, और साहित्य के साथ परिचित कराना होता है। इसमें शामिल हो सकता है:
वर्णमाला और उच्चारण: देवनागरी लिपि, संस्कृत वर्णमाला, और छात्रों को संस्कृत अक्षरों को कैसे उच्चारित करें और लिखें, इसका परिचय कराना।
व्याकरण: संस्कृत के मौलिक व्याकरण नियम और सिद्धांतों का परिचय, समानार्थक स्त्रीलिंग, क्रियाएँ, और वाक्य संरचना का सीखाना।
शब्दकोश: संस्कृत में सामान्य शब्द और वाक्यांशों का मौलिक शब्दावली बनाना।
साधारित वाक्य और संवाद: सरल वाक्य से लेकर और जटिल संवादों तक की प्रगति करना, संवाद क्षमता को बढ़ावा देना।
संस्कृत साहित्य: चयनित संस्कृत ग्रंथ, कहानियाँ, और कविताओं का परिचय, क्लासिकल संस्कृत साहित्य से।
सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं: संस्कृत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ में, इसे प्राचीन भारतीय साहित्य और दर्शन में इसकी भूमिका को समझाना।
श्रीगुरुचरणार्पणम्
भारत के ज्ञान, संस्कृति और प्राचीन वाड्मय को सुरक्षित रखने वाली संस्कृत भाषा हमारा मूल है, हमारा परिचय है और हमारी प्रगति का आधार है। आज एक ओर भारत के दर्शन, योग, ज्योतिष, चिकित्सा, वास्तु, साहित्य, गणित आदि विषयों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए, दूसरी ओर अपनी परम सुव्यवस्थित व्याकरण एवं नवीन शब्द-निर्माण-क्षमता के कारण, संगणक के लिए उपयुक्ततम भाषा के रूप में, संस्कृत भाषा का ज्ञान अनिवार्य हो गया है। आज हमें संस्कृत के प्राचीन वाइमय के अध्ययन तथा संस्कृत भाषा द्वारा अभिव्यक्ति, दोनों की आवश्यकता है। अत: संस्कृत-शिक्षण ऐसा हो जो विद्यार्थी को भाषा के साहित्यिक रूप और उसके व्यावहारिक स्वरूप दोनों से परिचित कराए। छात्र भाषा का अवबोधन, उसका वाचन, उसमें चिन्तन कर सकें, उसमें संभाषण तथा रचनात्मक अभिव्यक्ति कर सकें।
बाल-संस्कृत-कणिका कौ इस पुस्तक श्रृंखला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) तथा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या (2023) की रूपरेखा के अनुरूप बच्चों की जिज्ञासा, रुचि, चिन्तन, अभिव्यक्ति तथा भाषा के सहज प्रयोग को विशेष स्थान दिया गया है। पाठ्य-सामग्री को एनसीएफ 2023 में उल्लिखित पाठ्यचर्या लक्ष्यों और दक्षताओं के अनुरूप विकसित किया गया है। शिक्षाप्रद पाठों द्वारा विद्यार्थियों को पंचपदी शिक्षा पद्धति, प्रमाण, पंचकोश तथा पाठ्यचर्या के लक्ष्यों से अवगत कराया गया है। यह पुस्तक स्तरानुरूप भाषा के सैद्धान्तिक पक्ष पर बल देती है। इस पुस्तक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार सिद्धान्त, तर्क, परोपकार, सहानुभूति, साहस, लचीलापन, वैज्ञानिक चिन्तन, रचनात्मक कल्पना तथा नेतिक-मूल्यों पर आधारित पाठ्यसामग्री की रचना की गई है। इसमें सीखने और बोद्धिक-क्षमताओं से युक्त मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय-शिक्षा-नीति पर आधारित विभिन्न अभ्यासों एवं गतिविधियों का समावेश किया गया है।
सुधी शिक्षक बन्धुओं और छात्रों ने बाल-संस्कृत-कणिका को स्वीकारा और सराहा, अतः उनके प्रति हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ। उनके उत्साहवर्धन के फलस्वरूप इन पुस्तकों को नए रूप में प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है।
यह पुस्तक-श्रृंखला संस्कृत के विशाल रत्नागार की कुछ मणियों के रूप में है, जो विद्यार्थियों को संस्कृत ज्ञान-गंगा में अवगाहन के लिए प्रेरित करेगी।
मुझे आशा ही नहीं, अपितु विश्वास है कि इस पुस्तक के अध्ययनोपरान्त छात्रों में संस्कृत अध्ययन के प्रति अभिरुचि जाग्रत होगी और नवमी तथा दशमी कक्षा की पुस्तकों का अवबोधन उनके लिए सहज और सरल हो जाएगा। अपने शिक्षक-समाज के प्रति पुनः आभार प्रकट करती हूँ, उनके स्नेह, मार्गदर्शन और आशीर्वाद की सर्वदा अपेक्षा करते हुए .....
भगिनी
-- आशा लता चौधरी
Category | Course Book |
Format | Digital Book |
No. of pages | 136 |