About the Book
'नूतन सरल हिंदी माला' पुस्तक श्रृंखला का प्रथम प्रकाशन सन 1965 में हुआ था। उसके बाद सुदीर्घ 52 वर्षों की अवधि में समय-समय पर इस श्रृंखला की पुस्तकों का परिशोधन हुआ है। अब इक्कीसवीं सदी के बच्चों के लिए आधुनिक तकनीकी परिवेश और ज्ञान की आवश्यकतानुसार उनकी रुचि, योग्यता एवं आवश्यकता को ध्यान में रखकर हम अत्यंत हर्ष के साथ आपके समक्ष 'नूतन सरल हिंदी माला' पुस्तक श्रृंखला को सर्वथा नूतन रंग-बिरंगे कलेवर में प्रस्तुत कर रहे हैं। इस पुस्तक श्रृंखला का निर्माण राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद द्वारा अनुमोदित राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) तथा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (2023) के लक्ष्यों और दक्षताओं को सी.बी.एस.ई. तथा अन्य राज्य शिक्षा बोडों के पाठ्यक्रम के अनुरूप किया गया है।
हमारी सर्वथा नवीन संशोधित एवं परिवर्धित पुस्तक श्रृंखला निम्नलिखित है-
- नूतन सरल हिंदी माला - प्रवेशिका
- नूतन सरल हिंदी माला - पाठ्यपुस्तक (भाग 1 से 8 तक)
- नूतन सरल हिंदी माला - अभ्यास-पुस्तिका (भाग 1 से 8 तक)
- नूतन सरल हिंदी माला - अध्यापक-पुस्तिका (भाग 1 से 8 तक)
पाठ्य-पुस्तकों (भाग 1 से 5) की प्रमुख विशेषताएँ
- भाषा की चारों अपेक्षित योग्यताओं (सुनना, बोलना, पढ़ना तथा लिखना) के सम्यक विकास एवं मानवीय नैतिक मूल्यों के उन्नयन के प्रयास किए गए हैं।
- भाषायी कौशल की सभी विधाओं - कहानी, कविता, चित्रकथा, लोककथा, हास्यकथा, आलेख, एकांकी, पत्र, प्रेरक प्रसंग, विज्ञान-कथा, आत्मकथा एवं जीवन और जगत से जुड़ने वाले सर्वथा बालोपयोगी पाठ आदि का समावेश किया गया है।
- राष्ट्रीय एकता, देश-प्रेम, वीरता, साहस, त्याग-बलिदान, पारस्परिक सहयोग, प्रेम-भाईचारा, सदाचरण और व्यवहार, सभ्यता-संस्कृति, वैज्ञानिक सोच, खेल-भावना आदि जीवन-मूल्यों को उभारने वाले तत्वों को शामिल किया गया है।
- सम-सामयिक विषयों, यथा पर्यावरण संरक्षण, फ़ास्ट फ़ूड से हानियाँ, मोबाइल फ़ोन के फ़ायदे व नुकसान, विज्ञान एवं तकनीक से जुड़े विषयों आदि को सम्मिलित किया गया है।
- पाठ्य पुस्तक के प्रति विद्यार्थी की रुचि जागृत करने के लिए उपयोगी पाठों के अतिरिक्त केवल पढ़ने के लिए शीर्षक के अंतर्गत कुछ रोचक सामग्री प्रस्तुत की गई है, जिसके द्वारा बच्चों का शुद्ध एवं स्वस्थ मनोरंजन और ज्ञान-वर्धन होगा।
पाठों की आरंभिक रूपरेखा
- पठन से पूर्व : प्रत्येक पाठ को पढ़ने से पूर्व उसमें उचित कथन करने तथा उसकी पृष्ठभूमि व उद्देश्य समझने के लिए इसमें कुछ सारगर्भित बातें दी गई हैं।
- पाठ-परिचय : इसमें पाठ का सार दिया गया है जिसे पढ़कर यह ज्ञात हो जाता है कि पाठ की विषयवस्तु क्या है। साथ ही पाठ से जुड़े घटनाक्रमों को भी संक्षेप में वर्णित किया गया है।
- चर्चा करें : पाठ से संबंधित अर्थबोध, चिंतन एवं समझ विकसित करने पर इसमें बल दिया गया है। बच्चों को दी गई चर्चाएँ उन्हें न केवल पाठ को सुविचारपूर्ण तरीके से पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगी बल्कि तार्किक ढंग से विषयवस्तु को समझने में भी सहायता करेंगी।
विषयवस्तु की रूपरेखा
- बच्चों को उनके परिवेश से जोड़ती, दिन-प्रतिदिन के अनुभवों को समाहित करती, भाषायी ज्ञान को रोचक ढंग से विकसित करती गद्य एवं पद्य में बड़ी पाठ्य सामग्री का चयन एवं संयोजन किया गया है।
- बौद्धिक परिवेश हेतु पाठ के मध्य व अंत में बौद्धिक प्रश्न समाहित हैं।
- पाठ में आए नए एवं कठिन शब्दों के सरलार्थ दिए गए हैं। पाठ में आए मुहावरों के अर्थ समाहित हैं। शब्द-भंडार के अंतर्गत पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द दिए गए हैं।