CBSE
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Class 4
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Hindi
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By - Vishwanath Bhardwajदेश के विद्यालयी शिक्षा में हिंदी भाषा के विकास एवं हिंदी की पादय पुस्तकों में एकरूपता लाने के लिए भारत
सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministy of HRD) ने विशेष बल दिया है। उन्होंने बच्चों के सर्वागीण
विकास को चरम लक्ष्य मानकर इसके लिए कुछ संस्तुतियाँ प्रस्तुत की हैं। उन संस्तुतियों को आधार मानकर राष्ट्रीय
शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद, नई दिल्ली (NCERT) ने एक देशव्यापी कार्ययोजना बनाई है, जो राष्ट्रीय
'पाद्यचर्या की रूपरेखा (NCF 2005) के नाम से लागू है। इस कार्ययोजना को देश के अधिकांश राज्यों के शिक्षा
बोर्डों ने भी मान्यता दे दी है। उसी कार्ययोजना के अनुरूप प्रस्तुत 'राष्ट्रबाणी ' पाठ्य पुस्तक श्रृंखला में आमूल परिवर्तन
किया गया है।
इस श्रृंखला का भाषायी स्तर अपेक्षाकृत सरल रखा गया है, ताकि हिंदीभाषी क्षेत्रों के छात्रों के साथ-साथ
अहिंदी भाषी क्षेत्र के छात्र भी लाभान्वित हो सकें। 'राष्ट्रवाणी' पाद्यपुस्तक श्रृंखला केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा
बोर्ड (CBSE), नई दिल्ली, इंडियन सर्टिफ़िकेट ऑफ़ सेकेंडरी एज्युकेशन एक्ज्ञामिनेशन (ICSE) एवं अन्य राज्य
शिक्षा बोर्डों (State Boards) की संस्तुतियों के अनुरूप तैयार की गई है।
राष्ट्रवाणी ' पाठ्यपुस्तक श्रृंखला के अंतर्गत भाषा सीखने के चारों कौशलों-सुनना, बोलना, पढ़ना तथा
लिखना-पर पर्याप्त बल दिया गया है।
राष्ट्रवाणी ' पुस्तक श्रृंखला के इस नवीन संस्करण के अंतर्गत निम्नलिखित पुस्तकें हैं-
1. राष्ट्रवाणी पाठ्य पुस्तक भाग 1 से 8 तक
2. राष्ट्रवाणी अध्यापक-पुस्तिका भाग 1 से 8 तक
उपर्युक्त पुस्तक श्रृंखला की पाठ्य पुस्तकों की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
बच्चों की उम्र एवं बाल मनोविज्ञान के अनुरूप पाठों एवं अभ्यासों की सरलतम प्रस्तुति।
राष्ट्रवाणी पाठ्य पुस्तक श्रृंखला में जीवन-मूल्यों और नैतिक मूल्यों की प्रस्तुति पारंपरिक उपदेशात्मक
शैली से हटकर विविध विधाओं में रोचक ढंग से की गई है।
हिंदी साहित्य की सभी विधाओं-कविता, कहानी, चित्रकथा, एकांकी, जीवनी, लेख, निबंध, संस्मरण,
प्रेरक प्रसंग, पत्र, डायरी, वार्तालाप आदि पाठों-के सुव्यवस्थित योजना-क्रम में बच्चों के सर्वांगीण
विकास को ध्यान में रखा गया है।
कविता-पाठ, समूह-गान, संवादात्मक लेख तथा एकांकी इत्यादि द्वारा बच्चों की मौखिक अभिव्यक्ति
में व्यापक रूप से क्रमिक सुधार लाया जा सकता है। साथ ही उनकी आंतरिक प्रतिभा-गायन, बाचन
अथवा अभिनय कला-भी विकसित हो सकेगी।
प्रस्तुत श्रृंखला की सुव्यवस्थित पाठ-योजना में देश-प्रेम, राष्ट्रीय एकता, साहस, वीरता, त्याग-बलिदान
आदि जीवन-मूल्यों को उभारने वाले पाठ व प्रेरक प्रसंग सम्मिलित हैं, जो हमारे देश के गौरवपूर्ण अतीत
का ज्ञान कराते हैं एवं बच्चों में स्वाभिमान की भावना जाग्रत करते हैं।
प्रकृति-प्रेम, सौंदर्य-बोध, पर्यावरण-सजगता, पर्यावरण-संरक्षण के उपाय, प्राणी जगत की
जानकारी, जीवमात्र के प्रति दया व प्रेम इत्यादि भावनाओं को पुष्ट करने के लिए इनमें विभिन्न पाठों का समावेश किया गया है।
Category | Course Book |
Format | Digital Book |
No. of pages | 1 |