CBSE

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Class 5

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Sanskrit

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By - Shrimati Asha Lata Chaudhary

Bal Sanskrit Kanika Preveshika Book 5 (2024 Edition)

ISBN/SKU: 9789357264563

Key Highlights

इन पाठ्यपुस्तकों का उद्देश्य छात्रों को संस्कृत भाषा के मौलिक सिद्धांतों, व्याकरण, और साहित्य के साथ परिचित कराना होता है। इसमें शामिल हो सकता है:

  1. वर्णमाला और उच्चारण: देवनागरी लिपि, संस्कृत वर्णमाला, और छात्रों को संस्कृत अक्षरों को कैसे उच्चारित करें और लिखें, इसका परिचय कराना।

  2. व्याकरण: संस्कृत के मौलिक व्याकरण नियम और सिद्धांतों का परिचय, समानार्थक स्त्रीलिंग, क्रियाएँ, और वाक्य संरचना का सीखाना।

  3. शब्दकोश: संस्कृत में सामान्य शब्द और वाक्यांशों का मौलिक शब्दावली बनाना।

  4. साधारित वाक्य और संवाद: सरल वाक्य से लेकर और जटिल संवादों तक की प्रगति करना, संवाद क्षमता को बढ़ावा देना।

  5. संस्कृत साहित्य: चयनित संस्कृत ग्रंथ, कहानियाँ, और कविताओं का परिचय, क्लासिकल संस्कृत साहित्य से।

  6. सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहलुओं: संस्कृत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संदर्भ में, इसे प्राचीन भारतीय साहित्य और दर्शन में इसकी भूमिका को समझाना।

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About the Book

                                                                                                                                                            श्रीगुरुचरणार्पणम्‌

भारत के ज्ञान, संस्कृति और प्राचीन वाड्मय को सुरक्षित रखने वाली संस्कृत भाषा हमारा मूल है, हमारा परिचय है और हमारी प्रगति का आधार है। आज एक ओर भारत के दर्शन, योग, ज्योतिष, चिकित्सा, वास्तु, साहित्य, गणित आदि विषयों का ज्ञान प्राप्त करने के लिए, दूसरी ओर अपनी परम सुव्यवस्थित व्याकरण एवं नवीन शब्द-निर्माण-क्षमता के कारण, संगणक के लिए उपयुक्ततम भाषा के रूप में, संस्कृत भाषा का ज्ञान अनिवार्य हो गया है। आज हमें संस्कृत के प्राचीन वाइमय के अध्ययन तथा संस्कृत भाषा द्वारा अभिव्यक्ति, दोनों की आवश्यकता है। अत: संस्कृत-शिक्षण ऐसा हो जो विद्यार्थी को भाषा के साहित्यिक रूप और उसके व्यावहारिक स्वरूप दोनों से परिचित कराए। छात्र भाषा का अवबोधन, उसका वाचन, उसमें चिन्तन कर सकें, उसमें संभाषण तथा रचनात्मक अभिव्यक्ति कर सकें। 

बाल-संस्कृत-कणिका कौ इस पुस्तक श्रृंखला में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (2020) तथा राष्ट्रीय पाठ्यचर्या (2023) की रूपरेखा के अनुरूप बच्चों की जिज्ञासा, रुचि, चिन्तन, अभिव्यक्ति तथा भाषा के सहज प्रयोग को विशेष स्थान दिया गया है। पाठ्य-सामग्री को एनसीएफ 2023 में उल्लिखित पाठ्यचर्या लक्ष्यों और दक्षताओं के अनुरूप विकसित किया गया है। शिक्षाप्रद पाठों द्वारा विद्यार्थियों को पंचपदी शिक्षा पद्धति, प्रमाण, पंचकोश तथा पाठ्यचर्या के लक्ष्यों से अवगत कराया गया है। यह पुस्तक स्तरानुरूप भाषा के सैद्धान्तिक पक्ष पर बल देती है। इस पुस्तक में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के आधार सिद्धान्त, तर्क, परोपकार, सहानुभूति, साहस, लचीलापन, वैज्ञानिक चिन्तन, रचनात्मक कल्पना तथा नेतिक-मूल्यों पर आधारित पाठ्यसामग्री की रचना की गई है। इसमें सीखने और बोद्धिक-क्षमताओं से युक्त मूल्यांकन के लिए राष्ट्रीय-शिक्षा-नीति पर आधारित विभिन्‍न अभ्यासों एवं गतिविधियों का समावेश किया गया है।

सुधी शिक्षक बन्धुओं और छात्रों ने बाल-संस्कृत-कणिका को स्वीकारा और सराहा, अतः उनके प्रति हार्दिक आभार प्रकट करती हूँ। उनके उत्साहवर्धन के फलस्वरूप इन पुस्तकों को नए रूप में प्रस्तुत करते हुए मुझे अपार हर्ष हो रहा है।

  1.  बाल-संस्कृत-कणिका -- प्रवेशिका (कक्षा 5 के लिए)
  2. बाल-संस्कृत-कणिका -- प्रथमो भागः (कक्षा 6 के लिए)
  3. बाल-संस्कृत-कणिका -- द्वितीयो भाग: (कक्षा 7 के लिए)
  4. बाल-संस्कृत-कणिका -- तृतीयो भागः (कक्षा 8 के लिए)

यह पुस्तक-श्रृंखला संस्कृत के विशाल रत्नागार की कुछ मणियों के रूप में है, जो विद्यार्थियों को संस्कृत ज्ञान-गंगा में अवगाहन के लिए प्रेरित करेगी।

  • अभ्यासों के विविधता-पूर्ण प्रश्न छात्रों के अवबोधन तथा अभिव्यक्ति को परिपुष्ट करते है। 
  • अभ्यासों के वर्णविच्छेद, वर्णसंयोजन, उच्चारण एवं अशुद्धि-संशोधन संबंधित प्रश्न शुद्ध-उच्चारण और वर्तनी के अभ्यास में सहायक है।
  • श्रवण-भाषण संबंधित अभ्यासों द्वारा छात्रों की संभाषण क्षमता का विकास होगा।
  • रचनात्मक लेखन आधारित अभ्यासों द्वारा छात्रों की भाषा में चिन्तन एवं अभिव्यक्ति को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • क्रिया-कलापः' द्वारा विभिन्‍न प्रकार के सामूहिक खेलों, प्रतियोगिताओं, संवाद, अभिनय, श्लोकों के सस्वर बाचन आदि क्रियाकलापों से छात्र भाषा के व्यावहारिक और जीवन्त रूप से परिचय प्राप्त करेंगे तथा भाषा में उनकी अभिरुचि बढ़ेगी।
  • योग्यता-विस्तार इन पुस्तकों की एक और महत्त्वपूर्ण विशिष्टता है। इसमें संस्कृत की विशिष्टताओं, उसके सौन्दर्य, अन्य भाषाओं के साथ समानता के साथ-साथ व्याकरण के बिन्दुओं को भी स्पष्ट किया गया है।
  •  इन पुस्तकों की मनोहारी विशिष्टता है इनके सरल और मनभावन गीत। छात्र इन गीतों को गाएँगे, गुनगुनाएँगे और सहज-स्वाभाविक रूप से भाषा के साथ अपनत्व के बन्धन में बँध जाएँगे।
  •  पाठों के विषय विविधतापूर्ण, छात्रों की रुचि के अनुकूल और प्रतिदिन के जीवन की परिस्थितियों से संबंधित हैं। चित्रकथाओं, संवाद, पद्य, निबंध, नाटक, शलोक आदि समस्त विधाओं का पुस्तक में समावेश है।
  •  पाठों की भाषा सरल, व्यावहारिक तथा संवादात्मक है।
  •  पाठों में मुख्य पाठ्य बिन्दुओं का परिचय, विकास तथा पुनरावृत्तति की गई है जिससे संस्कृत का अध्यापन सहज और सरल हो सके।
  •  पाठों के विषयों का चयन इस प्रकार किया गया है कि उनसे नैतिक-गुणों, राष्ट्रीय, सामाजिक, सांस्कृतिक चेतना तथा जीवन-मूल्यों का विकास हो तथा संस्कृत साहित्य के प्रति अभिरुचि जाग्रत हो।
  •  अध्ययन की सुविधा के लिए पाठों के अन्त में शब्दार्थ तथा पुस्तक के अन्त में व्याकरण दी गई है।
  •  पाठों द्वारा छात्रों में सौन्दर्ययोध तथा कल्पनाशीलता को जाग्रत करने के साथ-साथ संस्कृति एवं भाषा के प्रति उनके सम्मान को भी जाग्रत करने का प्रयास किया गया है।
  •  अभ्यास भाषा के व्याकरण के बिन्दुओं को समझने और उनके सम्यक्‌ अभ्यास में सहायक है।
  •  छात्रों की सहायतार्थ प्रत्येक पाठ पर आधारित अभ्यास-पत्रिका भी दी गई है जिससे वे पाठ्य -बिन्दु, व्याकरण तथा अभिव्यक्ति एवं रचनात्मकता का और अभ्यास कर सकें।
  •  अनुवाद आधुनिक युग की सशक्त विधा है अतः प्रत्येक पाठ के अभ्यास में उसे भी महत्त्वपूर्ण स्थान दिया गया है।
  •  सुन्दर, रंगीन और आकर्षक चित्र छात्रों की कल्पनाशीलता की अभिवृद्धि करेंगे और संस्कृत अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
  •  अभ्यास रुचिकर हें, छात्रों को संस्कृत भाषा में सोचने, समझने और अभिव्यक्ति के लिए प्रेरित करते हें।
  •  अध्यापकों की सुविधा हेतु अध्यापक पुस्तिकाएँ उपलब्ध हें ताकि वे छात्र-छात्राओं का समुचित मार्गदर्शन कर सकें।

मुझे आशा ही नहीं, अपितु विश्वास है कि इस पुस्तक के अध्ययनोपरान्त छात्रों में संस्कृत अध्ययन के प्रति अभिरुचि जाग्रत होगी और नवमी तथा दशमी कक्षा की पुस्तकों का अवबोधन उनके लिए सहज और सरल हो जाएगा। अपने शिक्षक-समाज के प्रति पुनः आभार प्रकट करती हूँ, उनके स्नेह, मार्गदर्शन और आशीर्वाद की सर्वदा अपेक्षा करते हुए .....

भगिनी
-- आशा लता चौधरी

 

Category Course Book
Format Digital Book
No. of pages 136

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